नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने अपने करोड़ों कर्मचारियों के कल्याण की दिशा में एक ऐतिहासिक और मानवीय फैसला लिया है। अब सरकारी कर्मचारियों को एक विशेष और नेक काम के लिए 42 दिनों की स्पेशल छुट्टी (Special Casual Leave) मिलेगी। यह फैसला न केवल कर्मचारियों के लिए एक बड़ी राहत है, बल्कि यह समाज में एक जीवन-रक्षक पहल को भी बढ़ावा देगा।
कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय के तहत आने वाले कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (DoPT) ने इस संबंध में नियमों में बदलाव करते हुए आदेश जारी कर दिया है। आइए जानते हैं कि यह स्पेशल छुट्टी क्या है, किसे मिलेगी और इसके नियम क्या हैं।
किस विशेष कार्य के लिए मिलेगी यह 42 दिन की छुट्टी?
यह 42 दिनों का विशेष आकस्मिक अवकाश अंगदान (Organ Donation) जैसे महान कार्य के लिए दिया जाएगा। अगर कोई सरकारी कर्मचारी किसी दूसरे व्यक्ति को जीवनदान देने के लिए अपना कोई अंग दान करता है, तो उसे अंग निकालने की बड़ी सर्जिकल प्रक्रिया से उबरने (रिकवरी) के लिए यह छुट्टी दी जाएगी।
सरकार का यह कदम अंगदान को बढ़ावा देने और उन कर्मचारियों को प्रोत्साहित करने के लिए है जो इस नेक काम के लिए आगे आना चाहते हैं, लेकिन छुट्टी और सैलरी के नुकसान की चिंता उन्हें रोकती थी।
क्या हैं इस स्पेशल छुट्टी के नए नियम?
- छुट्टी का नाम: इसे ‘विशेष आकस्मिक अवकाश’ (Special Casual Leave) कहा जाएगा।
- अवधि: यह छुट्टी एक बार में अधिकतम 42 दिनों के लिए दी जाएगी।
- पात्रता: यह लाभ सभी केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के लिए उपलब्ध होगा।
- प्रक्रिया: इस छुट्टी को स्वीकृत कराने के लिए किसी सरकारी पंजीकृत डॉक्टर या चिकित्सक से एक प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा, जिसमें यह प्रमाणित हो कि कर्मचारी को अंगदान की प्रक्रिया से गुजरना पड़ा है।
- सबसे बड़ा फायदा: यह 42 दिन की छुट्टी कर्मचारी के किसी अन्य अवकाश खाते (जैसे CL, EL आदि) से नहीं काटी जाएगी। यह एक अतिरिक्त छुट्टी होगी, जिसका कर्मचारी की नियमित छुट्टियों पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
क्यों है यह फैसला इतना महत्वपूर्ण?
पहले, अंगदान जैसी प्रक्रिया के लिए कोई स्पष्ट नियम नहीं था और छुट्टी मामले-दर-मामले के आधार पर स्वीकृत की जाती थी, जिसकी अधिकतम सीमा अक्सर 30 दिन होती थी। इस नए नियम ने पूरी प्रक्रिया को मानकीकृत और आसान बना दिया है।
इस फैसले का सबसे बड़ा असर यह होगा कि अब कोई भी कर्मचारी बिना किसी वित्तीय चिंता या नौकरी की असुरक्षा के अंगदान जैसा पुण्य कार्य कर सकेगा। यह समाज में अंगदान के प्रति जागरूकता और प्रेरणा को भी बढ़ाएगा, जिससे हजारों जरूरतमंद मरीजों की जान बचाई जा सकेगी। यह सरकार की ओर से अपने कर्मचारियों के प्रति संवेदनशीलता और उनके कल्याण के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।